पत्रकारिता का मुखौटा पहनकर ब्लैकमेलिंग करने वालों के खिलाफ जनता की आवाज
आज के डिजिटल युग में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। जनता की समस्याओं को उजागर करना, सरकार को जवाबदेह ठहराना और समाज को सही दिशा दिखाना – यही पत्रकारिता का असली उद्देश्य है। लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ लोग इस पवित्र पेशे का मुखौटा पहनकर अपने स्वार्थ के लिए इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। झूठी खबरें, धमकियाँ और ब्लैकमेलिंग उनके हथियार बन गए हैं।
🔍 समाज में भ्रम फैलाने वाली पत्रकारिता – एक गंभीर खतरा
चांदुर का एक स्वयंभू पत्रकार फिलहाल मुंबई में बैठकर वीडियो के माध्यम से दूसरों पर झूठे आरोप लगा रहा है। वह खुद किसी खुले मंच पर आने को तैयार नहीं है, लेकिन दूसरों को "मुंबई आओ" कहता है। यह रवैया केवल कायरता और सच्चाई से भागने का प्रतीक है। अगर तुम्हारी बात सच है तो सामने आओ – चर्चा का सामना करो।
✊ हम चुप नहीं बैठेंगे!
मैं, उमाताई बोचरे, महिला जिलाध्यक्ष, समाजवादी पार्टी, इस झूठी पत्रकारिता की कड़े शब्दों में निंदा करती हूँ। ऐसे लोगों को समाज में ज़हर फैलाना बंद करना चाहिए। मैं आम जनता से अपील करती हूँ कि ऐसे लोगों के जाल में न फँसें और कानूनी रास्ते से, संयम के साथ ऐसी प्रवृत्तियों का विरोध करें।
📢 सच्ची पत्रकारिता का मतलब – जिम्मेदारी और सच्चाई
अपनी पहचान छुपाकर, वीडियो के पीछे छिपकर दूसरों पर कीचड़ उछालना पत्रकारिता नहीं है – वह डर और धोखा है। समाज को सही जानकारी देना, जनता की समस्याओं को न्याय दिलाना और ईमानदारी से सच्चाई का पीछा करना – यही असली पत्रकारिता है।
झुठे लोगों को चेतावनी – सच्चाई सामने आकर रहेगी
यह लेख केवल विरोध नहीं है, बल्कि समाज को जागरूक करने का एक प्रयास है। वक्त आ गया है कि झूठे चेहरों से मुखौटे हटाकर उन्हें उनके असली रूप में समाज के सामने लाया जाए। सच्चाई जरूर सामने आएगी – और उस वक़्त झूठे लोगों को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी।
🔥 सीधी चेतावनी – अब और नहीं सहेंगे कायरता!
तथाकथित भोगोदा पत्रकार मुंबई से वीडियो द्वारा किसी का नाम लेने की हिम्मत नहीं रखता। कायरों की तरह इशारों में बात कर रहा है। अगर तू अपने बाप की औलाद है तो नाम लेकर वीडियो बनाकर दिखा!
– लेखक: उमाताई बोचरे
महिला जिलाध्यक्ष, समाजवादी पार्टी

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